Al Zawahiri killing: वाइट हाउस की वो जगह जहां पर बना था जवाहिरी को मारने का 'सीक्रेट' प्‍लान, बाइडेन ने देखा था डमी ऑपरेशन

अल कायदा (Al Qaeda) का मोस्‍ट वॉन्‍टेड आतंकी अयमान अल जवाहिरी (Ayman Al Zawahiri) मारा गया। 11 साल पहले पाकिस्‍तान (Pakistan) में अमेरिका (US) ने ओसामा बिन लादेन (Osama Bin Laden) को मारा और अब उसके करीबी को ढेर किया। अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने खुद इस ऑपरेशन की मंजूरी दी थी।

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राष्‍ट्रपति जो बाइडेन साल 2011 में लादेन को मारे जाने वाले ऑपरेशन को लाइव देखते हुए। (File Photo)

हाइलाइट्स

  • अमेरिका के 35वें राष्‍ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने सिचुएशन रूम बनाने का आइडिया था
  • इसके बाद वाइट हाउस के बेसमेंट में सिचुएशन रूम का निर्माण किया गया और ये वेस्‍ट विंग में है
  • सिचुएशन रूम 5000 स्‍क्‍वॉयर फुट में फैला है और इस कॉम्‍प्‍लेक्‍स में 7 कमरें हैं
वॉशिंगटन: सोमवार को स्‍थानीय समयानुसार शाम 7 बजकर 35 मिनट पर अमेरिका के राष्‍ट्रपति जो बाइडेन ने दुनिया को बताया कि अल कायदा सरगना अयमान अल जवाहिरी को ढेर कर दिया गया है। 1 जुलाई को बाइडेन को सीआईए ने इस पूरे ऑपरेशन के बारे में ब्रीफ किया था। गुरुवार यानी 28 जुलाई को उन्‍होंने इस ऑपरेशन के लिए मंजूरी दी। सिचुएशन रूम में बाइडेन को एक जवाहिरी के घर का मॉडल बनाकर इस पूरे ऑपरेशन के बारे में बताया गया था। वाइट हाउस अगर दुनिया की सबसे ताकतवर जगह है तो इसका सिचुएशन रूम वो हिस्‍सा है जिसने इसे महाशक्तिशाली बनाया है। यही वो जगह है जहां पर रिचर्ड निक्‍सन से लेकर जॉर्ज बुश सीनियर और बराक ओबामा तक ने अमेरिकी की जीत को करीब से देखा है। आज जानिए इसी खास हिस्‍से के बारे में जो अपने आप में इतिहास समेटे है।

वाइट हाउस का कमांड सेंटर
सिचुएशन रूम से ही पूर्व अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने वियतनाम युद्ध के आदेश दिए, जॉर्ज बुश जूनियर ने सितंबर 2001 के हमलों के बाद अपने स्‍टाफ के साथ अफगानिस्‍तान में दाखिल होने की रणनीति बनाई और ओबामा ने नेवी सील के हाथों लादेन का खात्‍मा देखा। इस जगह को कोड वर्ड में SITROOM कहा जाता है। ये वाइट हाउस की सबसे सुरक्षित जगह है। पेंटागन ने साल 2021 में इस जगह पर अपग्रेडेड सिक्‍योरिटी डिवाइसेज लगाने के लिए 46 मिलियन डॉलर का बजट प्रस्‍तावित किया था। आप इसे वाइट हाउस का कमांड सेंटर भी कह सकते हैं।US Drone Al Qaeda: अलकायदा सरगना जवाहिरी की एक गलती पड़ी भारी, अमेरिका को लगी भनक, CIA ने यूं किया काम तमाम
क्‍यों हुआ इसका निर्माण
अमेरिका के 35वें राष्‍ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने सिचुएशन रूम बनाने का आइडिया था। अप्रैल 1961 में क्‍यूबा में फिदेल कास्‍त्रो को हटाने के लिए अमेरिकी की सेनाओं ने बे ऑफ पिग्‍स मिशन लॉन्‍च किया था। ये ऑपरेशन बुरी तरह से फेल हुआ और अमेरिका को दुनियाभर में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा। कैनेडी ने इस बात पर जोर दिया कि एक ऐसी जगह होनी चाहिए जहां पर रीयल टाइम इनफॉर्मेशन हासिल की जा सकें। उन्‍होंने इस सुरक्षित जगह पर ही कॉन्‍फ्रेंसिंग और रणनीति बनाने की बात भी कही थी।

इसके बाद वाइट हाउस के बेसमेंट में सिचुएशन रूम का निर्माण किया गया और ये इसके वेस्‍ट विंग में है। 5000 स्‍क्‍वॉयर फुट वाले इस कॉम्‍प्‍लेक्‍स में 7 कमरें हैं। इसे राष्‍ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मसलों के लिए तैयार किया गया है। इसी जगह पर राष्‍ट्रपति को इंटेलीजेंस ब्रीफिंग दी जाती है और वो किसी बड़े मिशन की मंजूरी देते हैं। कई लोग कहते हैं कि ये एक बंकर के तौर पर है जबकि ऐसा नहीं है। इस जगह पर कुछ खिड़कियां हैं लेकिन सुरक्षा बहुत कड़ी है। इस जगह पर हर समय स्‍टाफ तैनात रहता है।
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हर जगह तैनात स्‍टाफ
सिचुएशन रूम के पास अपना एक स्‍टाफ होता है। पांच टीमों वाले इस स्‍टाफ में तीन ड्यूटी ऑफिसर्स, एक कम्‍युनिकेशन असिस्‍टेंट और एक इंटेलीजेंस ऑफिसर होता है। हर टीम के पास अलग-अलग एजेंसी के स्‍टफ का एक पूल होता है। करीब 30 सीनियर ऑफिसर्स इसमें शामिल होते हैं जो इंटेलीजेंस के अलावा मिलिट्री के भी होते हैं। इन टीमों के लिए मेंबर्स का सेलेक्‍शन बहुत ही मुश्किल होता है और 24 घंटे इन्‍हें अलर्ट रहना होता है। ये मेंबर्स हर बड़े घटनाक्रम पर नजर रखते हैं और सीनियर वाइट हाउस स्‍टाफ को इस बारे में जानकारी देते हैं।

सीक्रेट सर्विस स्‍टाफ
वाइट हाउस के बाकी स्‍टाफ की तरह ही सिचुएशन रूम के स्‍टाफ के पास भी सीक्रेट सर्विस पर्सनल से लेकर कई तरह की टेक्निक्‍स भी होती हैं। इस जगह पर ऑफिसेज और यहां की टेक्‍नोलॉजी के बारे में किसी को भी जानकारी नहीं दी जाती है। लेकिन यहां पर ऐसी टेक्‍नोलॉजी हैं जो बग्‍स का पता लगा सकती हैं। यहां पर इलेक्‍ट्रॉनिक एक्‍सेस से लेकर कई कंप्‍यूटर टमिनल्‍स, टीवी स्‍क्रीन और वाीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग तक के उपकरण शामिल हैं। इसके अलावा सिक्‍योर टेलीफोन लाइन और कम्‍यूनिकेशन डिवाइसेज भी हैं जिनकी मदद से राष्‍ट्रपति विदेशी नेताओं और दुनिया के हर हिस्‍से में फैले अमेरिकी सरकार के प्रतिनिधियों से बात कर सकते हैं। वो क्‍या बात करते हैं इस बारे में कोई नहीं जान सकता।

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आम जनता भी जा सकती है

वाइट हाउस का सिचुएशन रूम राष्‍ट्रपति, नेशनल सिक्‍योरिटी एडवाइजर और नेशनल सिक्‍योरिटी सेंटर के स्‍टाफ को ही एंट्री की परमिशन देता है। इस जगह पर काउंटर टेररिज्‍म की रणनीति के अलावा हर बड़े मिशन की तैयारी से लेकर राष्‍ट्रीय सुरक्षा नीति को अंजाम दिया जाता है। यहां पर तैनात स्‍टाफ शिफ्ट के मुताबिक अपनी ड्यूटी करता है। साल 2006 में इसे रेनोवेट किया गया। इसके बाद यहां पर एक मेन कॉन्‍फ्रेंस रूम और एक सिक्‍योर वीडियो ट्रांसमिशन साइट तैयार की गई। ये दोनों कमरे जॉर्ज डब्‍लू बुश और रोनाल्‍ड रीगन लाइब्रेरी में हैं। आज जनता को सिचुएशन रूम का भ्रमण कराया जाता है लेकिन उन्‍हें हर हिस्‍सा नहीं दिखाया जाता है। इसके अलावा कई हॉलीवुड एक्‍टर्स और डायरेक्‍टर्स को फिल्‍मों की रिसर्च के लिए यहां का टूर कराया जा चुका है।

कई ऐतिहासिक पल
ये जगह कई ऐतिहासिक मौकों की गवाह बनी है लेकिन दिसंबर 2017 में एक ऐसा मौका आया था जो आज भी इसके बुरे पलों के तौर पर है। उस समय राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने चीफ ऑफ स्‍टाफ जॉन केली को इसी जगह पर उनके पद से हटाया था। इसके बाद पूर्व अप्रेंटिस ओमारोसा मैनीगॉल्‍ट न्‍यूमैन को भी इसी जगह पर नौकरी से हटाया गया था। न्‍यूमैन ने चुपचाप कुछ बातें रिकॉर्ड कर ली थीं और वाइट हाउस की सुरक्षा खतरे में आ गई थी।

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