UP ASSEMBLY ELECTION GORAKHPUR : गोरखपुर की जनता ने इस बार नहीं दिया किसी महिला को विधायक बनने का मौका


गोरखपुर विधानसभा चुनाव में महिलाओं की दावेदारी आजादी के बाद से ही रही है। बांसगांव विधानसभा ने 1952 जनपद को पहली महिला विधायक जसोदा देवी के रुप में दी। हमेशा से ही महिलाओं की दावेदारी रही है। लेकिन विधानसभा चुनाव 2022 में नौ विधानसभा सीटों पर किसी भी महिला को जीत नहीं मिली। कुछ सीटों पर लड़ाई में रहने के बाद भी जीत नहीं मिली। विधानसभा चुनाव में 13 महिलाएं मैदान में थी। भाजपा ने एक भी महिला प्रत्याशी नहीं उतारा था। जबकि कांग्रेस ने 4 तो सपा ने 3 महिलाओं को चुनाव में उतारा था।सहजनवां सीट पर कोई भी महिला प्रत्याशी नहीं थीं।

पहली महिला विधायक बनी थीं जसोदा देवी-
1952 में सबसे पहले जसोदा देवी ने बांसगांव विधानसभा सीट से दावेदारी पेश की थी। 1957 में भी जसोदा देवी पीछे नहीं रहीं और फिर मैदान में उतरी और महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित कीं।
हालांकि बाकी के विधानसभाओं में शुरुआती दौर में महिलाओं की कोई विशेष भागीदारी नहीं रही लेकिन झंगहा (अब चौरीचौरा) विधानसभा से 1977 में शारदा देवी ने धमाकेदार एंट्री की और 2002 तक पांच बार विधायक रहीं। 1977, 1985, 1989, 1991 और 2002 में जहां उन्हें जीत मिली वहीं 1980, 1993 और 1996 में हार का मुंह भी देखना पड़ा। इन आंकड़ों से साफ है कि विधानसभा चुनाव में महिलाएं कहीं से भी पीछे नहीं रहीं। कौड़ीराम विधानसभा में भी 1980 में जेएनपी की गौरी देवी ने अपना झंडा बुलंद किया था। गौरी देवी कांग्रेस के कदावर नेता लालचंद को हराकर विधानसभा पहुंची थीं।वहीं 1996 में मानीराम से सपा के टिकट पर स्व. ओमप्रकाश पासवान की पत्नी सुभावती देवी मैदान में उतरीं और पति के जनाधार का लाभ उठाते हुए जीत दर्ज कीं। इसके बाद महिलाओं की कोई विशेष भागीदारी नहीं रही और एक लम्बा अंतराल रहा। 2012 में पिपराइच से राजमति निषाद को सपा से विधायक बनीं और उन्होंने भाजपा के जितेन्द्र जायसवाल को हराया था। 2017 में चौरीचौरा से भाजपा से संगीता यादव को जीत मिली और वर्तमान में सभी नौ विधानसभाओं में श्रीमती यादव इकलौती महिला विधायक हैं।


13 महिला प्रत्याशी थीं चुनाव मैदान में-
विधानसभा चुनाव 2022 में गोरखपुर जिले में 13 महिला प्रत्याशियों ने नामांकन किया था। जिसमें तीन प्रत्याशियों ने कड़ी टक्कर दी।इसमें से कैंपियरगंज सीट से सपा प्रत्याशी अभिनेत्री काजल निषाद ने भाजपा के पूर्व मंत्री फतेह बहादुर को कड़ी टक्कर दिया। काजल को 79376 वोट मिले। वहीं खजनी सीट पर सपा की रूपावती बेलदार ने भाजपा के श्रीराम चौहान को कड़ी टक्कर दी। रूपावती को 53109 वोट मिले।
इसी प्रकार शहर सीट से सपा की सुभावती शुक्ला ने भाजपा के सीएम योगी आदित्यनाथ को टक्कर दी। सुभावती को कुल 62109 वोट मिले। इनके अलावा अन्य कोई महिला उम्मीदवार को 2100 से ज्यादा वोट नहीं मिले।


इन सीटों पर महिला प्रत्याशियों की रही यह संख्या-
चौरीचौरा से कुल 13 प्रत्याशियों में से एक महिला, कैंपियरगंज के 13 में से एक, बांसगांव के 9 में से एक, सहजनवां में 13 में से शून्य, पिपराइच के 14 में से एक, खजनी के 10 प्रत्याशियों में से 3, गोरखपुर शहर में 13 में से दो, ग्रामीण सीट पर 15 में से दो और चिल्लूपार में कुल 10 में से दो महिला प्रत्याशी मैदान में थीं।

चौरीचौरा सीट से निर्दलीय राधिका को 779 वोट, कैंपियरगंज से सपा की काजल निषाद को 79376 वोट, बांसगांव से कांग्रेस की पूनम को 2050 वोट, पिपराइच से कांग्रेस की सुमन चौहान को 1971 वोट, खजनी से कांग्रेस की रजनी को 2197 वोट तो सपा की रूपावती बेलदार को 53109 वोट और बहुजन मुक्ति पार्टी की अमिता भारती को 1272 वोट मिले।

इसी प्रकार गोरखपुर शहर से कांग्रेस की डॉ चेतना पांडेय को 2880 वोट, सपा की सुभावती शुक्ला को 62109 मिले। गोरखपुर ग्रामीण सीट से भारतीय अपना समाज पार्टी की पूनम सिंह को महज 262 वोट और निर्दलीय बिंदू को महज 268 वोट प्राप्त हुए। वहीं चिल्लूपार सीट से कांग्रेस की सोनिया शुक्ला को 1378 वोट तो आजाद समाज पार्टी की पूनम गुप्ता को 3090 वोट मिले।

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