2017 में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव के बाद योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने। योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से पांच बार सांसद रहे थे। हालांकि मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद गोरखपुर में लोकसभा के उपचुनाव हुए। इस उपचुनाव के बाद प्रवीण कुमार निषाद अचानक सुर्खियों में आ गए। योगी आदित्यनाथ और भाजपा का गढ़ माना जाने वाला गोरखपुर में प्रवीण कुमार निषाद ने जीत हासिल की थी। प्रवीण कुमार निषाद उस सीट पर जीते थे जिस पर योगी आदित्यनाथ लगातार पांच बार से जीत हासिल करते आ रहे थे। सूबे के मुख्यमंत्री होने के बावजूद भी योगी आदित्यनाथ अपनी सीट नहीं बचा सके। इसके बाद प्रवीण निषाद पूरे देश में पहचाने जाने लगे।
कौन हैं प्रवीण निषाद
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में एक पार्टी खूब सुर्खियों में है। वह पार्टी है निषाद पार्टी। निषाद पार्टी के संस्थापक हैं संजय निषाद। इन्ही संजय निषाद के बेटे हैं प्रवीण कुमार निषाद। 2018 में गोरखपुर में जब उपचुनाव हो रहे थे तब प्रवीण निषाद की उम्र महज 29 साल की थी। प्रवीण निषाद को तो राजनीति विरासत में मिली है। जब संजय निषाद ने अपनी पार्टी का गठन किया तो उन्हें प्रवक्ता बना दिया। प्रवीण निषाद ने गौतम बुद्ध टेक्निकल विश्वविद्यालय से बीटेक की डिग्री हासिल की है। वह 2009 से 2013 तक एक प्राइवेट कंपनी में प्रोडक्शन इंजीनियर के तौर पर नौकरी कर चुके हैं। हालांकि पिता को राजनीति में सहारा देने के लिए 2013 में प्रवीण निषाद गोरखपुर लौट आए। प्रवीण निषाद पिता के कार्यों में लगातार जुटे रहे।
2018 के चुनाव में निषाद पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठजोड़ किया। गोरखपुर उपचुनाव के नतीजों में बड़ा उलटफेर देखने को मिला और नतीजे प्रवीण निषाद के पक्ष में है। प्रवीण निषाद ने जीत हासिल की तो उसमें सबसे बड़ा कारण उनके पिता की मेहनत और समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन को बताया गया। हालांकि भाजपा का अति आत्मविश्वास भी कहीं ना कहीं प्रवीण निषाद की जीत में अहम हिस्सा साबित हुआ। निषाद पार्टी का पूरा मतलब निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल है। संजय निषाद उस वक्त सुर्खियों में आ गए थे जब उन्होंने पहली बार गोरखपुर से सटे सहजनवा के कसरावद गांव के पास निषादों को अनुसूचित जाति का दर्जा दिए जाने को लेकर अपनी मांग उठाई थी और ट्रेन को रोका था।
पिता की इस मांग को प्रवीण निषाद की ओर से भी मजबूती दी गई। हालांकि तत्कालीन समाजवादी सरकार ने संजय निषाद के खिलाफ कई मुकदमे भी दर्ज किए थे। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले प्रवीण निषाद भाजपा में आ गए। 2019 के आम चुनाव में प्रवीण निषाद को भाजपा ने संत कबीर नगर से चुनावी मैदान में उतारा। प्रवीण निषाद ने बसपा के भीष्म शंकर तिवारी को 35 हजार से ज्यादा के अंतर से हराया। फिलहाल संजय निषाद उत्तर प्रदेश चुनाव को लेकर सक्रिय हैं और प्रवीण निषाद उस में अहम भूमिका निभा रहे हैं।
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