भरी सभा में फूट-फूट कर रोने लगे पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू, जानिए क्या है वजह

नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश ( Andhra Pradesh ) की राजनीति में इन दिनों सीएम जगन मोहन रेड्डी और विपक्ष के नेता चंद्रबाबू नायडू ( Chandrababu Naidu )के बीच विवाद जोरों पर है। सत्ता में आने के बाद से ही तेलगुदेशम पार्टी ( Telegu Desham Party ), सत्ताधारी वाईएसआर कांग्रेस पर बदले की भावना से सरकार चलाने का आरोप लगा रही है।

इस बीच तेलुगु देशम पार्टी के अध्यक्ष और आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने कसम खाई कि वे जबतक उनकी पार्टी सत्ता में नहीं लौटेगी वो आंध्र प्रदेश विधानसभा में कदम नहीं रखेंगे। यही नहीं भरी सभा में नायडू फूट-फूट कर रोने भी लगे। जानते हैं क्या है पूरा मामला

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आंध्र प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन महिला सशक्तिकरण पर बहस के दौरान विधानसभा में चंद्र बाबू नायडू और उनकी पत्नी के खिलाफ वाईएसआरसीपी सदस्यों की ओर से की गई कथित अपमानजनक टिप्पणियों पर उन्होंने कड़ी नाराजगी व्यक्त की।

यही नहीं उन्होंने घोषणा की कि वह सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के सदस्यों की ओर से उन्हें अपमानित किए जाने के विरोध में वर्तमान कार्यकाल के शेष समय में विधानसभा में प्रवेश नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा, 'मैं इसके बाद इस सभा में शामिल नहीं होउंगा। मैं फिर से मुख्यमंत्री बनने के बाद ही सदन में लौटूंगा।” विधानसभा से बाहर निकलने से पहले नायडू काफी भावुक दिखे। उनके आंखों में आंसू थे। उन्होंने हाथ जोड़ रखा था।

इसके बाद में, मंगलागिरी में टीडीपी के राज्य मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, 71 वर्षीय नायडू फूट-फूट कर रो पड़े। वो लगातार अपने चेहरे को हाथों से ढंक कर रो रहे थे।

राजनीति से दूर थी मेरी पत्नी फिर उनका अपमान
नायडू ने कहा, मेरी पत्नी कभी राजनीति में नहीं रहीं। रोते चाहे मैं सत्ता में रहूं या बाहर, मेरे जीवन के हर कदम पर मुझे प्रोत्साहित करने के अलावा, उन्होंने कभी भी राजनीति में हस्तक्षेप नहीं किया। फिर भी, उन्होंने मेरी पत्नी को अपमानित करने की कोशिश की।

टीडीपी चीफ ने कहा, 40 साल के राजनीतिक जीवन में कभी इतना कष्ट महसूस नहीं किया। 'मैंने अपने जीवन में कई संघर्षों, उतार-चढ़ावों का सामना किया। मैंने विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों में कई गरमागरम बहसें देखीं। लेकिन विपक्ष को इस तरह से कुचलना अभूतपूर्व है।'

कौरव सभा से की तुलना
नायडू ने वर्तमान सभा की तुलना महाकाव्य महाभारत की कौरव सभा से की, जहां शक्तिशाली कौरवों ने पांडवों की पत्नी द्रौपदी को सबके सामने उतारने की कोशिश करके उनका अपमान किया।

नायडू ने कहा, 'मैं अपनी लड़ाई लोगों तक ले जाऊंगा और उनका समर्थन मांगूंगा। मैं मुख्यमंत्री के रूप में लोगों का जनादेश प्राप्त करने के बाद ही विधानसभा में लौटूंगा।'

यह सब महिला सशक्तिकरण पर चर्चा को लेकर टीडीपी और वाईएसआरसीपी सदस्यों के बीच वाकयुद्ध के साथ शुरू हुआ।

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टीडीपी विधायकों ने वाईएसआरसीपी सदस्य अंबाती रामबाबू के भाषण को बाधित करने की कोशिश की, जो विपक्षी दल पर हमला कर रहे थे।

इसके बाद रामबाबू ने कथित तौर पर नायडू की पत्नी का जिक्र करते हुए कुछ भद्दी टिप्पणियां कीं।

चंद्रबाबू नायडू के एक समर्थक ने भी कुछ ऐसी ही कसम ले ली है। नायडू के एक समर्थक श्रीनिवासुलु ने आधा सिर और मूंछ मुड़वा लिया है। उसका कहना है कि जबतक चंद्रबाबू की सरकार नहीं बन जाती, वो ऐसे ही रहेगा।

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