Pakistan Army Chief Ayman Al Zawahiri: अलकायदा सरगना अयमान अल जवाहिरी की अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत से पाकिस्तान घिर गया है। तालिबान समर्थकों का कहना है कि जवाहिरी को पाकिस्तान ने मारा है। इस कार्रवाई से 48 घंंटे पहले ही अमेरिका ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख से बातचीत की थी। वहीं भारत की टेंशन अब बढ़ सकती है।

पाकिस्तान और तालिबान के बीच रिश्ते बहुत खराब दौर से गुजर रहे
विशेषज्ञों का कहना है कि केवल पाकिस्तान ही एकमात्र देश है जहां से अमेरिकी ड्रोन गुजर सकता है। ईरान से अमेरिका की दुश्मनी है और मध्य एशिया में रूस के साथ तनाव है। ऐसे में केवल पाकिस्तान ही एकमात्र देश है जो अमेरिकी किलर ड्रोन को रास्ता दे सकता है। यह तर्क इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि पाकिस्तान और तालिबान के बीच रिश्ते इन दिनों बहुत ही खराब दौर से गुजर रहे हैं। पाकिस्तान ने तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जे के समय उसे खुलकर समर्थन दिया था और उसके आतंकियों को अपने यहां शरण दी थी। अब तालिबान ने टीटीपी के साथ गठजोड़ कर रखा है और उन्हें शरण दिया है जो पाकिस्तानी सेना पर खूनी हमले करते रहते हैं। वहीं तालिबान अब भारत के साथ भी नजदीकी संबंध बढ़ा रहा है। इन सभी से पाकिस्तानी निजाम खुश नहीं था।
दक्षिण एशियाई मामलों के विशेषज्ञ माइकल कुगलमैन कहते हैं कि जब अमेरिका ने लादेन को अबोटाबाद में घुसकर मारा था तब पाकिस्तान के साथ उसके रिश्ते रसातल में चले गए थे। लेकिन अब जवाहिरी की मौत जो संभवत: पाकिस्तान की मदद से हुई है, से आने वाले वर्षों में पाकिस्तान को सबसे बड़ा फायदा हो सकता है। इस पूरे मामले में अहम बात यह है कि जवाहिरी की पत्नी पाकिस्तान में रहती थी और तालिबान राज आने के बाद उसे अलकायदा सरगना के साथ रहने के लिए काबुल पहुंचा दिया गया। दोस्त पाकिस्तान के इस धोखे से तालिबान समर्थक भड़क गए हैं और वे मानते हैं कि ये हमला अमेरिका ने नहीं बल्कि पाकिस्तान ने किया था। वे पाकिस्तान को सबक ऐतिहासिक सिखाने की मांग कर रहे हैं। यही नहीं वे काबुल में पाकिस्तानी राजदूत को हिरासत में लेने की भी मांग कर रहे हैं।
जवाहिरी की मौत से पाकिस्तान को बड़ा फायदा, भारत को झटका
पाकिस्तान को तात्कालिक फायदा यह होगा कि उसे अब जल्दी ही आईएमएफ से लोन मिल सकता है। इस लोन के लिए अमेरिका की ओर से हरी झंडी मिलना जरूरी था। इसके अलावा पाकिस्तान जल्द ही एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से निकल सकता है। पाकिस्तान को कश्मीरी आतंकियों को पालने की वजह से ग्रे लिस्ट में डाला गया था। पाकिस्तान लगातार भारत में आतंकी हमले करा रहा है और वह अगर अमेरिका की मदद से ग्रे लिस्ट से निकलता है तो भारत के लिए करारा झटका साबित हो सकता है। यही नहीं अगर तालिबान इस पूरे मामले पर ज्यादा प्रतिक्रिया नहीं देता है तो उसे अफगानिस्तान का जब्त किया हुआ पैसा अमेरिका दे सकता है। जवाहिरी तालिबानी गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी की सुरक्षा में छिपा हुआ था जो पाकिस्तान का पालतू है। आईएसआई ने ही हक्कानी नेटवर्क को खड़ा किया था। बताया जा रहा है कि इस हमले में हक्कानी के बेटे और रिश्तेदार की भी मौत हुई है। अब हक्कानी के रिएक्शन पर दुनिया की नजरें टिकी रहेंगी।
Post a Comment