Thane Municipal Corporation: ठाणे भी गया उद्धव के हाथ से, 66 शिवसेना पार्षदों ने एकनाथ शिंदे का थामा दामन

Eknath Shinde News एकनाथ शिंदे ने ठाणे से ही पहली बार सियासत में कदम रखा था। एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से बगावत की थी। मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद चार जुलाई को उन्होंने बहुमत हासिल कर लिया।

Eknath Shinde vs Uddhav Thackeray: उद्धव ठाकरे ने कसा 'तीन पहिए' वाला तंज तो शिंदे ने क्या जवाब दिया?

हाइलाइट्स

  • ठाणे महानगरपाालिका के 66 शिवसेना पार्षद एकनाथ शिंदे के साथ
  • उद्धव ठाकरे के सामने शिवसेना पर कब्जा बनाए रखने की चुनौती
  • बगावत के बाद पार्टी के 55 में से 40 विधायक शिंदे के साथ हैं
  • चार जुलाई को सीएम शिंदे ने विधानसभा में हासिल किया बहुमत
मुंबई: उद्धव ठाकरे के हाथ से महाराष्ट्र की सत्ता गई, फिर सामने आई पार्टी बचाने की चुनौती। अब उनके लिए अपना गढ़ भी बचाना नामुमकिन हो गया है। एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के महाराष्ट्र की सत्ता संभालने के दो दिन के अंदर ही ठाणे भी उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के हाथ से निकल गया है। महानगरपालिका (Thane Mahanagar Palika) के 66 पार्षद एकनाथ शिंदे के साथ खुलकर आ गए हैं। इन पार्षदों ने शिंदे से मुलाकात की और इसके बाद ऐलान किया कि वो शिवसेना (Shiv Sena Crisis) के शिंदे खेमे का समर्थन कर रहे हैं। पार्षदों के साथ सीएम शिंदे की कई तस्वीरें भी सामने आई हैं।


महानगरपालिका के 67 में से 66 पार्षद शिंदे के साथ
ठाणे को एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है। यहीं से उन्होंने आनंद दिघे के संपर्क में रहकर सियासत सीखी और पहली बार 1997 में शिवसेना के पार्षद बने। अब शिवसेना के उद्धव ठाकरे खेमे का ठाणे पर से भी कब्जा छूट गया है। महानगरपालिका में 67 पार्षद हैं। अब 66 के शिंदे कैंप में जाने के बाद सिर्फ एक पार्षद ही उद्धव खेमे में बचा है। बुधवार शाम को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात करने के बाद ये सभी पार्षद शिंदे कैंप में आ गए हैं। पार्षदों ने शिंदे के साथ बैठक की और उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं। उद्धव को पहले ही शिवसेना के 40 विधायक झटका दे चुके हैं। इन विधायकों ने फ्लोर टेस्ट में एकनाथ शिंदे का साथ दिया था।

EKNATH SHINDE WITH THANE CORPORATORS

एकनाथ शिंदे के साथ ठाणे महानगरपालिका के शिवसेना पार्षद


विधान परिषद नतीजे के बाद शिंदे की बगावत
महाराष्ट्र में विधान परिषद चुनाव के नतीजे 20 जून की रात में आए। इसके बाद एकनाथ शिंदे ने 21 जून को पार्टी से खुली बगावत की थी। एक दर्जन से ज्यादा विधायकों के साथ वह सूरत के होटल चले गए थे। यहां से वह गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल पहुंच गए। इसके बाद विधायकों की बगावत का सिलसिला चलता रहा। ये नौबत आ गई कि शिवसेना के 39 विधायकों ने शिंदे को समर्थन दे दिया। अब उनके साथ शिवसेना के दो तिहाई से ज्यादा विधायक हैं।

30 जून को सीएम बने शिंदे, 4 को बहुमत
30 जून को एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के सीएम की शपथ ली। वहीं देवेंद्र फडणवीस ने डेप्युटी सीएम की शपथ ली थी। 4 जुलाई को जब महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई तो उद्धव खेमे के एक और विधायक संतोष बांगर भी शिंदे के साथ चले गए। विधानसभा में बीजेपी के 106, निर्दलीय और अन्य दलों के 18 विधायकों की मदद से शिंदे ने बहुमत हासिल किया था। शिंदे के समर्थन में 164 विधायकों ने वोटिंग की थी। वहीं 99 ने विपक्ष में वोट दिया था। वोटिंग में कांग्रेस के 11 विधायक गैरहाजिर रहे थे। इस बीच शिवसेना ने भावना गवली की जगह राजन विचारे को लोकसभा में चीफ विप बनाया है।

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