सच जानने के लिए सिर्फ आंखें नहीं खुली रखनी पड़ती, बल्कि कई पहलूओं पर नजर भी मारनी होती है। अब इन तस्वीरों को ही ले लीजिए। पहली नजर में जो आपको दिखेगा, असल में तस्वीर उस बारे में है ही नहीं! इसलिए इन्हें ध्यान से देखिए और समझिए आखिर फोटो क्या कह रही है।
1/10जिन्हें कबूतर समझ रहे हैं, वो लाइट्स हैं!
2/10आईला! मिस्टर इंडिया, सामने शीशा है, जहां कोई खड़ा है
3/10ये आंखों का छलावा नहीं, सच है गुरू...
4/10सब टाइमिंग का खेल है बाबू भैया!
5/10कोई बताएगा कि ये कुत्ता किधर देख रहा है?
6/10आसमान और दीवार का महीन फर्क
7/10सब टाइमिंग का खेल है बंधू...
8/10जरा एक नजर शीशे पर तो मारिए...
9/10आलू नहीं, मूंगफली का दाना है ये
10/10ये है फोटोग्राफर की क्रिएटिविटी...
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