उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज है। तीन चरणों के चुनाव हो गए हैं। अभी भी चार चरण के चुनाव बाकी हैं। उत्तर प्रदेश में 10 मार्च को नतीजे आएंगे। चुनावी प्रचार में नेताओं का आरोप-प्रत्यारोप भी लगातार जारी है। इन सबके बीच प्रभासाक्षी की टीम भी लगातार उत्तर प्रदेश का दौरा कर रही है। प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में हमने उत्तर प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक हालात की चर्चा की। हमेशा की तरह मौजूद रहे प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे। हमने चाय पर समीक्षा कार्यक्रम की शुरुआत करहल सीट के समीकरणों से शुरू की। नीरज दुबे ने कहा कि करहल मैनपुरी और इटावा में समाजवादी पार्टी को बढ़त हासिल होती दिखाई दे रही है। यादव बेल्ट में 2012 में समाजवादी पार्टी को बढ़त मिली थी। हालांकि 2017 में नतीजे इसके उलट आए थे। नीरज दुबे ने कहा कि मुलायम सिंह यादव को चुनावी प्रचार में उतारना परिवार की एकजुटता को दिखाने की कोशिश है।
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नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि मैं इसे परिवार की एकजुटता के रूप में देखता हूं ना कि चुनावी प्रचार के रूप में और मुलायम सिंह यादव के जरिए समाजवादी पार्टी यादव बेल्ट में एकता का संदेश देने में सफल रही है। नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि पश्चिम बंगाल चुनाव में एक मिथक टूटा कि अगर सभाओं में भीड़ उमड़ रही है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आपको लोग वोट भी देंगे। नीरज दुबे ने कहा कि भले ही यादव बेल्ट में भाजपा अपने जीत का दावा कर रही है लेकिन कहीं ना कहीं समाजवादी पार्टी को बढ़त दिखाई दे रही है। नीरज दुबे ने कहा कि इस इलाके के लोगों में मुलायम परिवार के प्रति भावनात्मक लगाव है। उदाहरण के तौर पर नीरज दुबे ने कहा कि हम कन्नौज में ऐसे लोगों से भी मिले जो सरकार की योजनाओं का लाभ तो ले रहे हैं लेकिन वोट के मामले में वह समाजवादी पार्टी के साथ खड़े हैं।
नीरज दुबे ने इस बात पर भी जोर दिया कि करहल और मैनपुरी के इलाकों में यह बात साफ तौर पर दिखाई दे रही है कि यहां की जनता को यह पता है कि अगर समाजवादी पार्टी को वोट देंगे तो हमारा स्थानीय नेता मुख्यमंत्री बनेगा। अगर एसपी सिंह बघेल को वोट देते हैं तो वह मंत्री बन सकते हैं, इससे ज्यादा कुछ नहीं। नीरज दुबे ने कहा कि तीसरा चरण समाजवादी पार्टी के लिए अच्छा जाता हुआ दिखाई दे रहा है। इसी दौरान हमने अहमदाबाद बम धमाके का भी जिक्र कर दिया। भाजपा यह बताने की कोशिश कर रही है कि सपा के टिकट पर लगने वाले लोग कौन हैं और हमारे टिकट में लगने वाले लोग कौन है। सपा को आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिस में समाजवादी पार्टी को ना निकलते और ना उगलते बन रही है। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव इस पर स्पष्ट जवाब नहीं दे सकते हैं। अगर देंगे तो एमवाई समीकरण बिगड़ जाएगा और अगर नहीं देते हैं तो भाजपा और आक्रमक हो जाएगी।
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हमने कुमार विश्वास और अरविंद केजरीवाल को लेकर भी नीरज दुबे से सवाल किया। इस पर नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि इतना तो तय है कि आज की युवा अरविंद केजरीवाल के काफी प्रशंसक हैं। दूसरी ओर कुमार विश्वास के भी प्रशंसक हैं। कुमार विश्वास के दावों की जांच अब गृह मंत्रालय करवाने जा रही है। जाहिर सी बात है इससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब चुनाव में अरविंद केजरीवाल ने पूरा जोर लगा दिया है। वहां एक विकल्प के तौर पर आम आदमी पार्टी उभरी है। लेकिन कहीं ना कहीं कुमार विश्वास के इस बयान के बाद आम आदमी पार्टी को भी नुकसान हो सकता है। नीरज दुबे ने कहा कि अलगाववाद का आरोप सिर्फ पंजाब ही नहीं बल्कि पूरे देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है, ऐसे में आम आदमी पार्टी को इस पर लिखित स्पष्टीकरण देना चाहिए।
- अंकित सिंह
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