राकांपा प्रमुख कोरेगांव-भीमा जांच आयोग के समक्ष 23-24 फरवरी को नहीं हो सकेंगे हाजिर

मुंबई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने कोरेगांव-भीमा जांच आयोग को सूचित किया है कि वह 23-24 फरवरी को उसके समक्ष उपस्थित नहीं हो सकेंगे। महाराष्ट्र के मंत्री एवं राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने मंगलवार को एक वीडियो बयान जारी करके यह जानकारी दी। मलिक ने साथ ही कहा कि भविष्य में पवार जांच आयोग के समक्ष निश्चित रूप से उपस्थित होंगे। कोरेगांव-भीमा जांच आयोग ने इस महीने की शुरुआत में पवार को 23 और 24 फरवरी को हाजिर होने को कहा था। महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित युद्ध स्मारक के पास जनवरी 2018 में हुई हिंसा के सिलसिले में सबूत जुटाने के मकसद से आयोग ने पवार को उपस्थित होने को कहा था। इसके पहले समिति (पैनल) ने वर्ष 2020 में पवार को तलब किया था, लेकिन वह कोरोना वायरस के चलते लागू लॉकडाउन के कारण इसके समक्ष उपस्थित नहीं हो सके थे। मलिक ने कहा, आयोग ने पवार साहब को अपने समक्ष हाजिर होने के लिए कहा था, उन्होंने आयोग को लिखित में बता दिया है कि वह इस बार उसके समक्ष हाजिर नहीं हो पाएंगे।

पुणे पुलिस के अनुसार 1 जनवरी 2018 को कोरेगांव भीमा की 1818 की लड़ाई की द्विशताब्दी वर्षगांठ पर युद्ध स्मारक के पास जातीय समूहों के बीच हिंसा भड़क गई थी। पुलिस के मुताबिक इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 10 पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए थे। पुणे पुलिस ने आरोप लगाया था कि 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित ‘एल्गार परिषद सम्मेलन’में भड़काऊ भाषणों से कोरेगांव भीमा के आसपास हिंसा भड़की। पुलिस के मुताबिक एल्गार परिषद सम्मेलन के आयोजकों का माओवादियों से संपर्क था। एनसीपी प्रमुख ने आठ अक्टूबर, 2018 को आयोग के समक्ष एक हलफनामा दाखिल किया था। सामाजिक समूह ‘विवेक विचार मंच’ के सदस्य सागर शिंदे ने फरवरी 2020 में आयोग के समक्ष एक आवेदन दाखिल किया था। इस आवेदन में उन्होंने वर्ष 2018 की जातीय हिंसा के बारे में मीडिया में पवार के कुछ बयानों के मद्देनजर उन्हें तलब करने की मांग की थी।

https://www.prabhasakshi.com/national/ncp-chief-will-not-be-able-to-appear-before-koregaon-bhima-inquiry-commission-on

Posted from: this blog via Microsoft Power Automate.

Post a Comment

Previous Post Next Post