इंसान में लगाई जाएगी चिप, दिमाग से चलाएगा स्मार्टफोन


Chip in human brain :
आज विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली है। वैज्ञानिकों के नए-नए आविष्कार से जीवन बहुत ही सरल और आसान हो गया है। वैज्ञानिक नई नई चीजों पर शोध कर रहे हैं। जल्द ही इंसानों में एक चिप लगाई जाएगी। इस चिप की मदद से दिमाग से स्मार्टफोन चल सकेगा। उसमें आपका दिमाग और उसमें लगी एक चिप एक दूसरे के साथ सीधे कनेक्ट होकर बिना कोई कंमाड लिए सोचने भर से काम करना शुरू कर देंगे। दुनिया के सबसे अमीर इंसान एलन मस्‍क का ब्रेन-चिप रिसर्च वाला स्‍टार्टअप न्‍यूरालिंक जल्‍द ही इंसानी परीक्षण शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इसकी मदद से पैरालसिस से पीड़ित इंसान अपने दिमाग से उंगलियों से ज्‍यादा तेज गति से स्‍मार्टफोन चला सकेगा।

बंदरों और सूअर पर लगा चुके है यह चिप
वॉल स्ट्रीट जर्नल के सीईओ काउंसिल समिट के साथ एक लाइव-स्ट्रीम साक्षात्कार के दौरान एलन मस्‍क से साल 2022 में कंपनी की योजनाओं के बारे बताया। इस दौरान एलन मस्‍क ने बताया कि उनकी कंपनी एक साल के अंदर मानव मस्तिष्‍क में चिप लगाने के लिए तैयार होगी। उन्होंने कहा कि न्यूरालिंक बंदरों में अच्छी तरह से काम कर रहा है और हम इससे जुड़े बहुत सारे परीक्षण कर रहे हैं। बंदरों पर हो रहे परीक्षण को देखने के बाद हम इस बात को जोर देकर कह सकते हैं कि यह बहुत ही सुरक्षित और भरोसेमंद है। बता दें कि न्यूरालिंक इससे पहले सूअर और बंदर पर इस चिप को आजमा चुका है।

वरदान साबित होगी न्यूरालिंक डिवाइस
एलन मस्‍क का कहना है कि न्यूरालिंक डिवाइस को सुरक्षित रूप से हटाया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि हमारी ये तकनीक टेट्राप्लाजिक, क्वाड्रीप्लेजिक जैसी रीढ़ की हड्डी की परेशानी से जूझ लोगों के लिए वरदान साबित होगी। मस्‍क ने कहा कि हमें उम्‍मीद है क‍ि हमें अगले साल एफडीए से इसके लिए मंजूरी भी मिल जाएगी।

सिक्के के साइज का है डिवाइज
न्यूरालिंक डिवाइस के साइज पर बात करते हुए एलन मस्क ने कहा कि इसका आकार सिक्के के जैसा होगा। जिसे स्कल या खोपड़ी में लगाया जा सकता है। केवल एक डिवाइज लगाकर ब्रेन और स्पाइन की समस्या को आसानी से हल किया जा सकता है। एलन मस्क ने बताया कि भविष्य में आप मेमोरी को सेव या रिप्ले कर सकते है। साथ ही नई बॉडी या रोबोट बॉडी में भी डाउनलोड किया जा सकता है।

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वरदान साबित होगी न्यूरालिंक डिवाइस
एलन मस्‍क का कहना है कि न्यूरालिंक डिवाइस को सुरक्षित रूप से हटाया जा सकता है। उन्‍होंने कहा कि हमारी ये तकनीक टेट्राप्लाजिक, क्वाड्रीप्लेजिक जैसी रीढ़ की हड्डी की परेशानी से जूझ लोगों के लिए वरदान साबित होगी। मस्‍क ने कहा कि हमें उम्‍मीद है क‍ि हमें अगले साल एफडीए से इसके लिए मंजूरी भी मिल जाएगी।


2016 में शुरू किया था स्टार्टअप
एलन मस्क ने इस स्टार्टअप को 2016 में सैन फ्रांसिस्को बे एरिया में शुरू किया था। इसके जरिए अल्जाइमर, डिमेंशिया और रीढ़ की हड्डी की चोटों जैसे न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का इलाज करने में मदद करने के लिए मानव मस्तिष्क में एक कंप्यूटर इंटरफेस को प्रत्यारोपित करने का लक्ष्य है। ये स्टार्टअप टेक्नोलॉजी का यूज करके ह्यूमन-AI सिम्बायोसिस बनाने की कोशिश कर रही है।


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Posted from: this blog via Microsoft Power Automate.

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