नई दिल्ली। बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election 2021) के दूसरे चरण में होने वाले मतदान को लेकर नामांकन प्रक्रिया जारी है। वहीं पहले चरण में होने वाले मतदान के लिए उम्मीदवारों को चुनाव चिन्ह भी दिया जाने लगा है। इसके साथ ही चुनावी प्रचार (Bihar Panchayat chunav) भी जोर शोर से शुरू हो गया है। ऐसे में चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।
घृणा फैलाने पर होगी जेल
बता दें कि चुनाव आयोग (election commission) ने इन दिशा-निर्देश में साफ कर दिया है कि प्रचार के दौरान किन-किन शब्दों का प्रयोग नहीं किया जाएगा। आयोग के निर्देश के अनुसार अगर कोई भी उम्मीदवार धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता या घृणा फैलता है, तो उसे 3 से 5 वर्ष की सजा हो सकती है। ये अपराध गैर जमानतीय और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
सांप्रदायिकता करना गैर जमानतीय अपराध
इसके साथ ही आयोग (election commission) ने प्रचार के लिए मस्जिदों, गिरिजाघरों, मंदिरों, ठाकुरबाडिय़ों या अन्य पूजा स्थलों या धर्मस्थलों का प्रयोग करने पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। वहीं जातीय या सांप्रदायिक भावनाओं की दुहाई देना भी कार्रवाई की बात कही है और इसे गैर जमानतीय अपराध की श्रेणी में रखा है।
अन्य उम्मीदवार के जीवन पर टिप्पणी करना पड़ेगा भारी
जानकारी के मुताबिक आयोग (election commission) का कहना है कि इसके अलावा अगर कोई भी उम्मीदवार किसी भी अन्य उम्मीदवार के जीवन के ऐसे पहलुओं की आलोचना करता है, जिसकी सत्यता साबित नहीं हो, तो उसे भी सजा हो सकती है। हालांकि यह अपराध जमानतीय है. जिसकी सबसे पहले सुनवाई प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष होगी।
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गौरतलब है कि आयोग बिहार पंचायत चुनाव (bihar panchayat elections 2021) को निष्पक्षता और शांतिपूर्ण ढ़ंग से कराने के लिए प्रतिबद्ध है। आयोग का कहना है कि चुनाव प्रचार के दौरान हिंसा या धार्मिक भावना को आहत करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही आयोग ने किसी भा पार्टी के नाम पर वोट मांगने पर भी कार्रवाई की बात कही है।
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